15, Jun 2022

चन्दमा का ज्योतिष महत्व

1. काल पुरुष की कुण्डली में चंद्रमा चतुर्थ भाव का स्वामी है। अतः चन्द्रमा जातक की माता, सुख , मकान व मन आदि का कारक है। चन्द्रमा को ज्योतिष के सभी ग्रन्थों में लग्न के समान माना गया है । कुंडली में बनने वाले अनेक योगों में चन्द्रमा की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
2. चन्द्रमा से ही बालारिष्ट आदि का ज्ञान किया जाता है। यदि चन्द्रमा 6,8, 12 भावों में पाप-पीड़ित हो व शुभ दृष्ट न हो तो बचपन में  बालक व उसकी माता को अत्यधिक कष्ट होता है व कुछ विशिष्ट दुर्योगों के बनने से अल्प आयु में मृत्यु भी हो सकती है।
3. चन्द्रमा के पीड़ित होने से व्यक्ति को अनेक प्रकार की परेशानी होती है। चन्द्रमा के मंगल (यदि मंगल त्रिषढाय का स्वामी हो) से पीड़ित होने से जातक का स्वभाव उग्र हो सकता है और ब्लड से होने वाली बीमारियां भी हो सकती है।
4. चन्द्रमा के राहु से पीडत होने से व्यक्ति को निद्रा रोग हो सकता है व व्यर्थ की शंकाएं दिमाग में हो सकती है। अचानक कोई गलत निर्णय भी लेने के कारण भाग्य की हानि हो सकती है।
5. चन्द्रमा के शनि द्वारा पीड़ित होने से जातक को सफलता प्राप्त करने में कठिन परिश्रम करना पड़ता है व सफलता देर से मिलती है। चन्द्रमा शनि की युति से कई बार व्यक्ति डिप्रेशन में भी जा सकता है।
6. चन्द्रमा यदि पाप पीड़ित बुध के साथ हो तो बदनामी का योग बनता है व अस्थमा और त्वचा संबधी परेशानी होती है।

7. यदि किसी की कुंडली में चन्द्रमा के साथ पंचम भाव भी पीड़ित हो तो व्यक्ति को मानसकि शांति नहीं मिलती व व्यक्ति निर्णय लेने में उचित अनुचित का विचार नहीं कर पाता है। ऐसे में चन्द्रमा पर मंगल का प्रभाव हो व तृतीयेश व अष्टमेश से समंध हो तो व्यक्ति हिंसा की घटना भी कर सकता है।

8. इसलिए कुंडली मे लग्न के बाद चन्द्रमा की स्थिति विशेष रूप से देखनी चाहिए क्योंकि लग्न शरीर है तो चन्द्रमा मन है और शरीर व मन के ठीक होने से व्यक्ति सुख को प्राप्त कर सकता है।

9. जो व्यक्ति अपनी माता को कष्ट देता है तो जन्म कुंडली में उसका चन्द्र कितना ही शुभ क्यों न हो उसको चंद्र अशुभ फल जरूर देगा चाहे भौतिक सुख मिल जाएं लेकिन मानसिक परेशानी जरूर देगा।

10. चन्द्रमा जनमानस का कारक भी है। जो व्यक्ति या राजनेता सत्ता के मद में चूर होकर जनमानस को दुःख देता है उसको भी चन्द्रमा अवश्य ही दंडित करता है।
11. कुंडली में लग्न, सूर्य व चन्द्रमा के अच्छी स्थिति में होने से जातक को शारीरिक, आत्मिक व मानसिक बल की प्राप्ति होती  है।

# चन्द्रमा के उपाय
1.  कई व्यक्ति हर साल या महीने वैष्णो देवी की यात्रा करते है पर मां को एक फोन तक नहीं करते। अब क्या मां वैष्णो देवी उसको यात्रा का शुभ फल देगी? अतः चन्द्रमा के शुभ फल प्राप्त करने के लिए माता की सेवा करना जरूरी है।
2. कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे जान मानस को परेशानी हो और हो सके तो कोई समाज सेवा का कार्य जरूर करें।
3. चन्द्रमा के बीज मंत्र का जाप करें।
4. गाय की  सेवा करें।
5. गरीबों बच्चे को दूध पिलाएं ।

याद रखें ये सब फल पूरी कुंडली का विस्तार से अधय्यन करने के बाद ही कहने चाहिए।