09, Jul 2022

12 जुलाई 2022 को शनि वक्री होकर मकर राशि में वापसी करेंगे

क्या कुछ देंगे आपको या लेकर जायेंगे, अपनी राशि अनुसार जानिए

गोचर में जब कोई ग्रह वक्री होता है तो वह पीछॆ की तरह गति करता प्रतीत होता है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए यही वह समय होता है जब व्यक्ति को अपनी गलतियों को ठीक करने का मौका मिलता है। जिन कार्यों में हम इससे पहले बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए थे,  असफल रहें हो, उन विषयों पर एक बार फिर से,  पूरे मनोयोग से, पूरी योग्यता से मेहनत कर इस असफलता को सफलता में बदल सकते हैं। आप छात्र हों या फिर कारोबारी हों, या अन्य किसी अन्य क्षेत्र में हों, इस समय में आप अपनी सफलता को सुनिश्चित कर सकते हैं।  खुशी की बात यहां यह है कि वक्री शनि 5 जून से अक्तूबर 25, 2022 तक वक्री अवस्था में रहेंगे, जो कि बहुत लम्बी अवधि है।
शनि 5 जून 2022 से कुम्भ राशि में वक्री अवस्था में गोचर कर रहें हैं। 12 जुलाई, 2022 को शनि अपनी मकर राशि में एक बार फिर से वापसी करने वाले हैं। वैसे तो शनि 25 अक्तूबर को मार्गी हो जायेंगे परन्तु 17 जनवरी 2023 को ही कुम्भ राशि में एक बार फिर से आयेंगे, तब तक मकर राशि में ही विचरण करेंगे।  

2020-2021 में शनि मकर राशि में रहकर आयें हैं, एक बार फिर से शनि इसी राशि में ही जाने वाले है। वक्री शनि के काल में आपको यह बात ध्यान रखना है, कि शनि आपसे धैर्य, सहनशक्ति और मेहनत चाहता हैं, यह संभव है कि इस काल में आपको अपने कार्यों को पूरा करने के लिए एक बार से अधिक प्रयास करना पड़ें। भाग-दौड़ सामान्य से अधिक करनी होगी। परन्तु आपको हिम्मत नहीं हारनी है, धैर्य के साथ अपने कार्यों को निरंतर करते रहें, शनि राशि बदलने से पूर्व आपको कुछ न कुछ अवश्य देंगे, बशर्ते कि आपने प्रयासों को मध्य में ना छोड़ा हो। 

ज्योतिष विद्या में जानकारी रखने वाले सभी व्यक्ति जानते हैं कि शनि बहुत मंद गति से गोचर करते हैं। आप आराम से, पूरा समय देते हुए, कार्य करें। अपने जीवन के सभी क्षेत्रों के पाठों में अपना योगदान बेहतर तरीके से दें। देर से ही सही परिणाम आपके हक में जरुर आयेंगे। जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि वक्री अवस्था में स्थित होते हैं, उन्हें गोचर के वक्री शनि जल्द परिणाम देते हैं। मेहनत बहुत अधिक कराते हैं, यदि आप मेहनत से नहीं डरते हैं तो शनि किसी का बुरा नहीं करते हैं, यह याद रखना होगा। 

कौन सा ग्रह कितने समय तक वक्री रहता है ?
 शनि 140 दिनों के लिए वक्री होता है और 5 दिन पहले और बाद में स्थिर रहता है। बृहस्पति वक्री होकर 120 दिन पहले और बाद में 5 दिन स्थिर रहता है। मंगल 80 दिनों के लिए वक्री होता है और 3 से 4 दिन पहले और बाद में स्थिर रहता है। शुक्र 42 दिनों के लिए वक्री है और लगभग दो दिन पहले और बाद में स्थिर है। बुध 24 दिनों के लिए वक्री होता है और एक दिन पहले और बाद में स्थिर रहता है।

वक्री होने पर ग्रहों का सामान्य फल -
मंगल - अशुभ होने पर  प्रतिशोध का संकेत देता है जबकि शुभ होने पर लाभों के साथ दृढ़ता, दृढ़ इच्छाशक्ति और स्वतंत्रता को दर्शाता है।
बुध - अशुभ होने पर निर्णय क्षमता कमजोर, शुभ होने पर उच्चस्तरीय प्लानिंग करने में सफल।
गुरु - अशुभ होने पर सफलता की उंचाईयों से गिराता है, शुभ होने पर अत्यधिक सफलता।  
शुक्र - कलाकारों में इच्छाशक्ति का अभाव देता है।
शनि - अशुभ होने पर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है। अन्यथा अचानक और महत्वपूर्ण परिणाम देता है।  
यहां बता दें कि सूर्य और चंद्र कभी वक्री नहीं होते हैं, और राहु-केतु सदैव वक्री अवस्था में ही गोचर करते हैं। शनि का यह गोचर कुछ राशियों के जीवन को खुशियों से भर देगा तो कुछ राशियों के व्यक्तियों के जीवन में संघर्ष और उतार-चढ़ाव लेकर आ सकता है।

आईये अब देखें कि 12 राशियों के लिए वक्री शनि की मकर राशि में वापसी किस प्रकार की रहने वाली है-

मेष राशि
शनि आपके कर्म भाव पर गोचर करने वाले हैं, ऐसे में कार्यक्षेत्र के रुके हुए कार्यों को पूर्ण करने के लिए भरपूर प्रयास करने होंगे। इस अवधि के शुभ फल पाने के लिए आपको अपना सारा फोकस अपने करियर पर रखना होगा। निराशा और नकारात्मक ऊर्जा को अपने आप्स से दूर रखें। मकान में निर्माण कार्य जो रुके हुए थे, उन्हें पूरा कर पायेंगे। नए स्टार्ट अप शुरु करने के लिए समय साथ देगा। आपकी सेहत के लिहाज से वर्ष सामान्य ही रहेगा। हालांकि बीच-बीच में आपको त्वचा से जुड़ी कुछ परेशानी हो सकती हैं। यदि आप अपने घर लेने का सपना देख रहे थे तो इस दौरान उसमें सफलता मिल सकती है।

वृषभ राशि
वक्री अवथा में शनि नवम भाव पर गोचर करने जा रहे हैं। गोचर की इस काल में कार्यों के फल देर से आयेंगे और बाधायें भी अधिक होने से धैर्य जवाब दे सकता है। पूर्व में रुके हुए कार्यों को पूरा करने के लिए एक के बाद एक समस्या सामने आ सकती है। यह शनि आपको आध्यात्म की ओर लेकर जा सकता है। लम्बी दूरी की यात्राएं कराएगा। लाभ और आय प्राप्ति की गति बहुत मंद रहेगी। प्रगति भी मंद गति से होगी। घरेलू और आर्थिक मामलें चिंतित रखेंगे। पिता से नारजागी दूर रखें। नये प्रोजेक्ट्स में धन लगाने के लिए समय उपयुक्त नहीं है।   

मिथुन राशि  
शनि वक्री होकर आपके अष्टम भाव पर गोचर करने जा रहे हैं, इसके प्रभाव से एक बार फिर आप पर शनि की अष्टम ढैय्या का प्रभाव रहेगा। व्यर्थ की अड़्चनें और तनाव इस समय में आपको रहेगा। बनते बनते कार्य अंतिम समय में स्थगित हो सकते हैं। फिर भी परिवार में किसी नये सदस्य का आगमन होने के योग है। संचित धन में मामूली मात्रा में वॄद्धि होगी। अचानक से आने वाली समस्याएं परेशानियां बढ़ायेंगी। कुल मिलाकर यह समय बदलाव लेकर आयेगा।

कर्क राशि
शनि आपकी राशि के लिए अशुभ भावों के स्वामी होने के कारण अशुभ ग्रह होते हैं, ऐसे में वक्री होकर आपके सप्तम भाव पर गोचर करेंगे। इसका परिणाम यह होगा कि, वैवाहिक जीवन, साझेदारी व्यवसाय में साथी के साथ रिश्ते मधुर बनाए रखने में दिक्कतें आयेंगी। नया स्टार्ट अप शुरु करना भी आसान नहीं होगा। कुछ नया शुरु करने के लिए समय प्रतिकूल है। समय के अनुकूल होने तक प्रतिक्षा करें। आपात स्थिति और खर्चों को लेकर चिंताएं रहेंगी। भाग्य का साथ आपको इस समय में मिल नहीं पाएगा।  

सिंह राशि
छठे और सातवें घर में शनि आपको बहुत ही संवेदनशील  बनाता है जो अपनी वक्री गति के दौरान कई बुरी घटनाओं की वजह बन सकता है। आपके शत्रु आपकी परेशानियां बढ़ाते नजर आयेंगे। कोर्ट कचहरी के मामलें मानसिक शांति भंग कर सकते हैं। कर्ज लेने की जरुरत पड़ सकती है। अधिनस्थों और सेवकों का साथ समय पर मिले इसके लिए जरुरि है कि आप उनके अधिकारों का ध्यान रखें।

कन्या राशि
शनि आपकी राशि से पांचवें स्थान पर गोचर करने वाले हैं। इस दौरान आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही शेयर व स्टॉक मार्केट में निवेश करने से बचें। अगर आपने किसी भी तरह की योजना बनाई है तो उनमें विघ्न आने की आशंका बन रही है। भाई-बंधुओं से कलह-क्लेश भी हो सकता है। नौकरी पेशा जातक इस समय सावधानी से कार्य करें अन्यथा करियर में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में जीवनसाथी के साथ संबंधों में कुछ तनाव आ सकता है।

तुला राशि
शनि यहाँ योगकारक है और इसका वक्री गोचर  जीवन में प्रगति दिखा रहा है। करियर में वृद्धि होगी और जुलाई माह के अंत से पहले प्रमोशन मिल सकता है। जातक काम से जुड़े मामलों के लिए विदेश जा सकता है, या उसे वहां काम करने का अवसर मिल सकता है। सहकर्मियों के बीच कटुता अब समाप्त होगी और कार्यक्षेत्र में शत्रुता समाप्त होगी। जुलाई या अगस्त के दौरान जातक अपने कौशल में वृद्धि के लिए एक लघु पाठ्यक्रम के लिए जा सकता है। धन में सुधार होगा और शनि देव की कृपा से निवेश होगा। जुलाई के बाद प्रॉपर्टी खरीदने के योग नजर आ रहे हैं।रिश्तों में चीजें अच्छी दिख रही हैं, और सबसे बड़े बच्चे की वृद्धि देखी जाएगी।

वृश्चिक राशि
शनि पाप ग्रह है और जिस घर में दृष्टि होती है, उस घर को नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्ति होती है। शनि वक्री 2022 के दौरान, करियर में समस्याएँ, अवांछित पोस्टिंग और जातक पर प्रोजेक्ट थपेड़े देखने को मिलेंगे। वरिष्ठों द्वारा दबाव और तनाव पैदा किया जाएगा, और वे जातक का पतन देखना चाहेंगे। जून का महीना इस मामले में जातक की परीक्षा लेता नजर आ रहा है। जुलाई से, बेहतरी आएगी, और जातक को पता चल जाएगा कि स्थिति से प्रभावी ढंग से कैसे निपटना है। छोटी यात्रा दिखाई देती है, जो अपने उद्देश्य की पूर्ति करेगी और जातक को लाभ देगी। वित्त में भी सुधार होगा, और जातक को व्यवसाय शुरू करने की इच्छा हो सकती है।

धनु राशि
धनु राशि के लिए शनि एक अशुभ ग्रह है, ,यह गोचर करियर और वित्त में परेशानी का कारण बन सकती है। अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। इस अवधि के दौरान, जीवन में ठहराव हो सकता है, और अनावश्यक खर्च के कारण वित्त प्रभावित होगा। विशेष रूप से जुलाई और अक्टूबर में किसी भी तरह का जोखिम न लेने की सलाह दी जाती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य के साथ समस्याएँ हो सकती हैं।

मकर राशि
शनि आपकी ही राशि के लग्न भाव में वक्री होने जा रहे हैं और इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव भी बना रहे हैं। इस दौरान आपको जीवन के कई क्षेत्रों में मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में आपके प्रियजनों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं। अगर आप वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं जीवनसाथी के साथ भी संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं। हालांकि आपको इस समय कोर्ट कचहरी के मामलों से निजात मिल सकती है। आर्थिक उलझनें बढ़ सकती हैं इसलिए अपने खर्चों पर नियंत्रण रखें।

कुम्भ राशि
शनि आपकी राशि से बारहवें भाव में वक्री होने वाले हैं। साथ ही आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती भी रहेगी, जिसकी वजह से कई तरह के उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान व्यावसायिक उलझन बनी रहेंगे और कार्यों को लेकर भागदौड़ लगी रहेगी। पारिवारिक जीवन में गलतफहमियां बढ़ सकती हैं। साथ किसी पुराने रोग से आप परेशान हो सकते हैं। हालांकि आप धन को बचत करने में कामयाब होंगे लेकिन खर्चों पर आपका नियंत्रण नहीं रहेगा।

मीन राशि
वक्री शनि स्वास्थ्य और धन को नुकसान पहुंचा सकता है। जीवन के सभी क्षेत्रों में 12 जुलाई तक सावधानी बरतने की जरूरत है। जून में अनचाहा तबादला और पोस्टिंग हो सकती है। ऑफिस या व्यापार में तनाव बढ़ेगा और इसके साथ ही शत्रु अधिक सक्रिय हो जाएंगे और जातक को नुकसान पहुंचाएंगे। शुक्र है कि यह समस्याग्रस्त अवधि थोड़े समय के लिए रहेगी। शत्रुओं से आसानी से निपट सकेंगे। पारिवारिक रिश्तों की मधुरता कम होगी।