11, Jul 2022

आलिया भट्ट की शादी सफल या असफल - आलिया के ग्रह, सितारों से जानें

बॉलीवुड के आकाश पर चमकते अनेक सितारों में से एक बहुत खूबसुरत सितारा है, आलिया भट्ट,  2012 में आई स्टूडेंट ऑफ द ईयर  मूवी में अपने दमदार अभिनय से सभी को चौंकाने वाली आलिया भट्ट को अभिनय क्षमता जन्म से मिली। ऐसा लगता है कि पिता महेश भट्ट और माता सोनी राजदान ने इन्हें अभिनय घुट्टी में घोलकर पिलाया है। आलिया का जन्म 15 मार्च 1993 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ। आलिया के पिता एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता, निर्देशक और पटकथा लेखक रहे हैं, इनकी माता भी अपने समय की जानी पहचानी अभिनेत्री रही है। उनकी दो बहनें पूजा भट्ट और शाहीन भट्ट हैं, पूजा भट्ट उनकी सौतेली बहन हैं। उनका एक सौतेला भाई भी है जिसका नाम राहुल भट्ट है जो एक फिटनेस ट्रेनर है। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा जमनाबाई नरसी स्कूल, मुंबई से पूरी की। उसके बाद उन्होंने पढ़ाई नहीं की।

आज के समय में आलिया भट्ट सबसे अधिक प्रभावशाली सेलिब्रिटी आइकन में से एक है। या यूं कहिए कि आज के समय में सबसे अधिक भुगतान पाने वाली फिमेल फिल्म स्टार भी है। अन्य सभी फिल्म कलाकारों की तरह आलिया भट्ट के साथ प्रशंसा और आलोचना दोनों जुड़ी हैं। जहां एक ओर उनके प्रभाव छॊड़ने वाले अभिनय की सराहना उनके आलोचक भी करते हैं, वहीं दूसरी ओर उनके व्यक्तिगत जीवन को लेकर अनेक बार सवाल भी उठाए गए है। आलिया की कुछ फेमस मूवी के नाम इस प्रकार हैं-   स्टूडेंट ऑफ द ईयर (2012), हाईवे (2014), 2 स्टेट (2014), हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया (2014), कपूर एंड संस (2016), उड़ता पंजाब (2016), राज़ी (2018), गली बॉय (2019), कलंक (2019)।  आलिया भट्ट को अभी तक दो फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त हुए है।

आलिया भट्ट और रणबीर कपूर 14 अप्रैल को एक भव्य लेकिन निजी समारोह में शादी के बंधन में बंध गए, जिसमें सिर्फ करीबी परिवार और दोस्त ही शामिल हुए। आलिया भट्ट और रणबीर कपूर के वैवाहिक जीवन का भविष्य क्या रहने वाला है। आज हम आपको उनकी जन्मपत्री के अनुसार बताने वाले हैं- आईए जानें कि उनके सितारें क्या कहते हैं-  जन्म तिथि: 15 मार्च 1993,  जन्म समय: 04:10:00, जन्म स्थान: मुंबई, महाराष्ट्र, भारत।

 इस प्रकार जन्मकुंडली बनाने पर हम पाते हैं कि आलिया भट्ट का जन्म लग्न मकर, और जन्म राशि वॄश्चिक राशि है। ज्येष्ठा नक्षत्र, कॄष्ण पक्ष की अष्टमी को जन्मी आलिया, बुध के जन्म नक्षत्र में जन्म लेने से आलिया मजबूत व्यक्तित्व की स्वामिनी है। स्वयं को हष्ट पुष्ट रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करती है। साथ ही यह नक्षत इन्हें स्वभाव से हठी भी बना रहा है। इनके हठी स्वभाव के कारण इन्हें जीवन में परेशानियों का सामना भी करना पडेगा या पडा होगा। फैशन के अनुसार चलने वाली आलिया हेवी मेकअप नहीं लगाती हैं। बडबोली होने के कारण आप कई बार अपने व्यक्तिगत विषयों पर सार्वजनिक रूप से बेबाकी से अपने राज खोलती है। इसके अतिरिक्त मकर लग्न आलिया में ईर्ष्या और प्रतिस्पर्धा की भावना दे रहा है। इसी के प्रभाव से इनका स्वभाव स्वच्छंद प्रकृति का है। स्वयं पर किसी भी प्रकार का अंकुश आलिया सहन नहीं कर पाती होंगी। ये दूरदर्शी और महत्वाकांक्षी भी हैं, प्रत्येक क्षेत्र में सर्वोच्च पर रहना चाहती है, विपरीत लिंग में लोकप्रिय हैं और योजना बनाकर जीवन व्यतीत करती है। पर दुखद बात यह है कि इनका वैवाहिक जीवन बहुत सुखद नहीं रहता है। स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता इनका विशेष गुण है।

आलिया की कुंडली में शनि भाग्येश और षष्ठेश बुध के साथ धन भाव में स्वराशि कुम्भ में स्थित है। बुध यहां वक्री अवस्था में हैं। जन्मकुंडली में बुध वक्री हों तो जातक या जातिका को बुद्धि का सहयोग समय पर नहीं मिल पाता है, ऐसी जातिका वाचाल भी होती है। जहां चुप रहना चाहिए वहां बोलती है और जहां बोलना चाहिए वहां चुप रहती है। यह गुण आलिया में उनकी प्रेस कांफ्रेसं में कई बार स्पष्ट रूप से देखा गया है।  संपूर्ण कुंडली में शनि एक मात्र ग्रह है जो स्वराशि में स्थित है और लग्नेश होने के कारण अत्यधिक शुभ भी है। तॄतीय भाव पर भावेश गुरु की सप्तम दृष्टि है, साथ ही यहां अष्टमेश सूर्य, दशमेश व पंचमेश शुक्र के साथ युति संबंध में है। दुर्भाग्य से शुक्र मीन राशि में स्थित होने के कारण नीचस्थ हो गए है, साथ ही शत्रु ग्रह के साथ होने के कारण पीडित अवस्था में भी है। फिर भी कर्मेश का तीसरे भाव में बैठना, शुक्र का साथ प्राप्त होना, इनके करियर को मनोरंजन क्षेत्रों से जोड़ रहा है। केतु पंचम भाव में है, मंगल छठे, गुरु नवम भाव, और चंद्र-राहु एक साथ एकादश भाव में स्थित है।

आलिया के सप्तम भाव में कर्क राशि है, जिसका स्वामी चंद्र राहु के साथ पीडित अवस्था में है। इस युति में चंद्र और राहु लगभग 5 अंशों के अंतर से होने के कारण निकटतम हैं और राहु चंद्र के फलों को पूर्ण रूप से प्रभावित करने में सक्षम है। सप्तम भाव पर राहु का दृष्टि प्रभाव है। सप्तमेश चंद्र पर केतु व शनि की भी दृष्टि है। कारक गुरु पर मंगल और अष्टमेश सूर्य का अशुभ प्रभाव भी है। इस प्रकार सप्तम भाव, सप्तमेश और कारक तीनों ही कुंडली में पाप प्रभाव में है। आने वाली महादशा भी अष्टमेश सूर्य की होने के कारण बहुत अच्छी नहीं रहने वाली है। संभवत इस महादशा में इनका वैवाहिक जीवन बाधित हो जाएं, ऐसा कुंडली के सितारें कहते हैं।