25, Jul 2022

आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति कैसे बढ़ायें - कुंडली अनुसार

सफलता के ये तीन मुख्य आधार है। यही तीन कारक हैं जो यह निर्धारित करते है कि हम जीवन में सफल होंगे या नहीं। जीवन में नकारात्मक परिस्थितियों का सामने करने लिए हम सभी में निम्न तीन कारक गुण होने चाहिए। सफलता का द्वार खटखटाने के लिए आवश्यक है कि हम सभी में ये महत्वपूर्ण गुण हों। जिसमें प्रथम इच्छा शक्ति द्वितीय आत्मविश्वास और तीसरा व्यक्तित्व है।
इच्छाशक्ति
इच्छाशक्ति सबसे महत्वपूर्ण कारक है जो हमारे भाग्य का फैसला करता है। सभी बाधाओं के बावजूद, हम सफल हो सकते हैं और दूसरों को मात दे सकते हैं, अगर हमारे पास वह इच्छाशक्ति है। किसी व्यक्ति की इच्छा शक्ति कब कमजोर हो सकती है? इसका ज्योतिषीय कारण क्या हैं?
लग्न भाव का कमजोर होना या लग्न भाव के स्वामी का कमजोर होने पर व्यक्ति में साहस और इच्छाशक्ति बहुत कम होती है। वह सपने तो बहुत देखता है परन्तु उन्हें पूरा करने के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाता है। लग्न और लग्नेश पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव होना या लग्न व लग्नेश दोनों का पाप कर्तरी योग में होना, इच्छा शक्ति को कमजोर बनाता है। इच्छाशक्ति कमजोर हो तो व्यक्ति थोड़ी सी परेशानियों के बाद ही हताश हो जाता है और इन लोगों में आलोचना करने की आदत भी अधिक होती है।
कमजोर चंद्र
कमजोर चंद्र व्यक्ति को कुछ बहुत आलसी बनाता है। ऐसे व्यक्ति को यदि किसी कार्य को करने के लिए कहा जाए तो उस व्यक्ति को बिल्कुल भी पसंद नहीं होता। कमजोर चंद्र का व्यक्ति कार्य करने की जगह कार्य के लिए कहने वाले व्यक्ति को अपना शत्रु मानने लगता है।
कमजोर मंगल  
सफलता प्राप्त करने के लिए मंगल की ऊर्जा शक्ति व्यक्ति में होना आवश्यक है। जन्मपत्री में मंगल बली, शुभ और सुस्थित हो तो व्यक्ति जीवन में बार बार गिरने से बचता है, जीवन में सफल होता है। यह साहस, जोखिम और पहल करने की शक्ति को बढ़ाता है। आलसी हो सकते है। काम ना करने के लिए आप झूठ बोल सकते है। स्वयं कार्य करने की जगह दूसरों से कार्य कराने की आशा रख सकते है। काम न करने के लिए गलत आदतों का समर्थन कर सकते है। अंगूलियों की अपेक्षा अंगूठा आकार में छोटा हो तो यह कमजोर मंगल दर्शाता है। मंगल कुंड्ली में ऊर्जा, उत्साह और जोश का कारक ग्रह है।   
इच्छाशक्ति में सुधार के उपाय-
•    देरी से डरें नहीं। धैर्य रखें। काम करते रहो।
•    गुरु या किसी ज्ञानी व्यक्ति के संपर्क में रहें। सत्संग से प्रेरित रहें।  
•    जिन व्यक्तियों का गुरु और मंगल ग्रह उत्तम हो ऐसे व्यक्तियों के साथ बैठे।  
•    ऐसे लोगों के साथ मत बैठिए, जो सिर्फ दूसरों की आलोचना करते हैं और नकारात्मक सोच और साहस और आत्मविश्वास का निम्न स्तर रखते हैं।
•    भजन सुनने के दौरान, ध्यान में जाने का प्रयास करें।
•    एमेथिस्ट रत्न धारण करें।
•    चांदी या सोने धातु में मूंगा रत्न, अनामिका अंगूली में धारण करें। गुलाबी क्वार्ट्ज पहनें या घर के शयन कक्ष में रखे।  
•    ब्रेसलेट या माला रूप में स्फटिक पहनना भी इच्छाशक्ति में सुधार के लिए काफी लाभदायक है।