समय बदला और समय के साथ नारी की स्थिति भी बदली है। वैदिक काल नारी प्रधान समाज था। इसके बाद समय का पहिया घूमा और स्त्री का वर्चस्व कम होना शुरू ह....
जन्म कुंडली को जीवन का आईना कहा जाता है। जीवन का कौन सा भाग कैसा रहेगा? यह कुंडली विश्लेषण के द्वारा जाना जा सकता है। जन्मकुंड्ली में ग्रह कई अवस्....
ज्योतिष विज्ञानं हमारे कर्मो का ढांचा बताता है । यह हमारे भूत वर्तमान और भविष्य में एक कड़ी बनता है। कर्म चार प्रकार के होते है: 1- संचित 2- प्र....