विवाह ज्योतिष के अनुसार, सप्तम भाव के स्वामी या सातवें भाव में बैठे या उसको देख रहे ग्रहों की दशा-अन्तर्दशा में विवाह होने की संभावना होती है। यह अलग बात....
मंगल और राहु की युति को ज्योतिष शास्त्रों में अंगारक योग का नाम दिया गया है। वैदिक ज्योतिष में मंगल अग्नि, क्रोध, आवेश, हिंसा और मार-पीट के कारक के रुप में....
1. काल पुरुष की कुण्डली में चंद्रमा चतुर्थ भाव का स्वामी है। अतः चन्द्रमा जातक की माता, सुख , मकान व मन आदि का कारक है। चन्द्रमा को ज्योतिष के सभी ग्र....